बलिया के पत्रकारों पर जुल्म के विरोध में लामबंद हुआ कानपुर जर्नलिस्ट क्लब

कानपुर : यूपी के बलिया में नकल कराने और पेपर लीक मामले में तीन पत्रकारों को खबर लिखने के लिए जेल भेजा गया है. इस घटना के बाद बलिया ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के पत्रकारों और जनसरोकारी लोगों में आक्रोश है। अब इसी क्रम में पत्रकारीय हितों के लिए संघर्ष करने वाले संगठन ‘कानपुर जर्नलिस्ट क्लब’ ने प्रकरण को संज्ञान में लिया और एक आपात बैठक अशोक नगर स्थित हिन्दी पत्रकार भवन में की. इस बैठक में बलिया के पत्रकारों के साथ हुए दुर्भावनापूर्ण उत्पीड़न और जेल भेजने की घटना की निन्दा करते हुए इसे लोकतंत्र के लिए ख़तरा बताया। बैठक में वरिष्ठ पत्रकार और जर्नलिस्ट क्लब के अध्यक्ष ओम बाबू मिश्रा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि नकल माफिया और प्रशासन की कलई खोलने वाले पत्रकारों को इनाम देने की बजाय उन्हें जेल भेजना, लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आज़ादी को खत्म करने का कुत्सित प्रयास है. पत्रकारों से कोई समाचार का स्रोत बताने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है. वह चाहे न्यायालय ही क्यों न हो. समाचार का स्रोत न बताने पर जिन तीन पत्रकारों अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह और मनोज गुप्ता को जेल भेजा गया, वह सच को दबा