विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस आज, कानपुर जर्नलिस्ट क्लब के महामंत्री बोले 'देश में पत्रकारिता की भूमिका अहम'

कानपुर : हर साल 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस प्रेस की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति के अधिकार और मीडिया की भूमिका को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य स्वतंत्र प्रेस की अहमियत को दर्शाना है। यह दिन पत्रकारों की सुरक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करता है। यह दिन दुनिया भर में सूचना की आजादी और लोकतंत्र को मजबूत करने का प्रतीक है। कानपुर जर्नलिस्ट क्लब के महामंत्री अभय त्रिपाठी ने शनिवार को 'विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस' के मौके पर मौजूदा समय में पत्रकारिता के महत्व को रेखांकित करने के साथ ही वैकल्पिक मीडिया की उभरती स्थिति पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि लोकतांत्रिक देश में पत्रकारिता की अपनी एक अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी से लेकर देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्थापित करने तक की दिशा में पत्रकारिता की अपनी एक अहम भूमिका रही है। मौजूदा समय में इसका पूरा स्वरूप बदल रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया के आगमन से पारंपरिक मीडिया में परिवर्तन दिखाई दे रहा है।

अभय त्रिपाठी ने आगे कहा कि आने वाले दिनों में मीडिया में अनेक तरह के परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। निश्चित तौर पर इन परिवर्तनों का सामना करने के लिए हमारे पत्रकार साथियों को मानसिक रूप से तैयार रखना होगा। इसके अलावा, एआई का भी आगमन हो रहा है। इससे आने वाले दिनों में मीडिया की कार्यशैली में परिवर्तन देखने को मिल सकता है। इसके लिए पत्रकारों को खुद को तैयार रखना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में जब हमारा देश अनवरत विकास के पथ पर अग्रसर है। हम प्रतिदिन विकास के नए प्रतिमान गढ़ रहे हैं, तो ऐसे में मीडिया की भूमिका को किसी भी कीमत पर खारिज नहीं किया जा सकता है। मीडिया किसी भी राष्ट्र को नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाता है।

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की शुरुआत
साल 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाए जाने की शुरूआत की थी। दरअसल साल 1991 में विंडहोक सम्मेलन के बाद यूनेस्को ने इसकी सिफारिश की थी। विंडहोक घोषणापत्र में स्वतंत्र प्रेस के महत्व को रेखांकित किया गया था। तब से हर साल 03 मई को वैश्विक स्तर पर विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाने लगा।

खतरों का करना पड़ता है सामना

बता दें कि पत्रकारों को अक्सर धमकियों, हमलों, सेंसरशिप और झूठे मुकदमों का सामना करना पड़ता है। कई बार पत्रकारों को जान से मारने की धमकी मिलती है। कई बार उनकी हत्या तक कर दी जाती है। ताकतवर समूह और सरकारें पत्रकारों की आवाज को दबाने का प्रयास करते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

कानपुर : दबंगो से मिलकर मकान कब्जा करा रही है पुलिस, पुलिस कमिश्नर ने एसीपी स्वरूप नगर को दिए जाँच के निर्देश।

स्नेह का तिलक लगाकर बहनों ने की कामना,जुग जुग जीये मेरा भइया...

Business news Kanpur : प्रोफिनिटी का यस सिक्योरिटीज से हुआ क़रार, देश के युवाओं को घर बैठे कमाने का मिलेगा शानदार मौका।