विधान परिषद चुनाव में भाजपा के 10 और सपा के 2 उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तय, महेश चंद्र शर्मा का नामांकन होगा निरस्त, जानिए कौन है शर्मा??

विधान परिषद की 12 सीटों पर हो रहे चुनाव में भाजपा के दस और समाजवादी पार्टी के दो उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तय है। सोमवार को नामांकन वापसी के अंतिम दिन तक सपा के दो, भाजपा के दस और एक निर्दलीय महेश चंद्र शर्मा सहित 13 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया। महेश चंद्र शर्मा के पास दस प्रस्तावक नहीं होने के कारण उनका नामांकन निरस्त किया जाएगा।

नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन सोमवार को भाजपा के दस उम्मीदवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नामांकन दाखिल करने विधानमंडल के टंडन हॉल पहुंचे। भाजपा उम्मीदवार एवं उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, अरविंद कुमार शर्मा, लक्ष्मण आचार्य, गोविंद नारायण शुक्ला, सलिल विश्नोई, अश्विनी त्यागी, सुरेंद्र चौधरी, घर्मवीर प्रजापति और कुंवर मानवेंद्र सिंह ने नामांकन दाखिल किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, ब्रजेश पाठक, राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह, डॉ.महेंद्र सिंह, प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर, सुब्रत पाठक, प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक, दयाशंकर. प्रदेश मंत्री डॉ. चंद्रमोहन, प्रदेश प्रवक्ता समीर सिंह और मनीष दीक्षित सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
भाजपा उम्मीदवारों के बाद कानपुर निवासी महेश चंद्र शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया। शर्मा के नामांकन पत्र में दस प्रस्तावक  विधायकों के दस्तखत नहीं हैं। लिहाजा उनका नामांकन निरस्त होना तय है। मंगलवार को सुबह 11 बजे से नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 21 जनवरी को दोपहर 3 बजे तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकेंगे। बृहस्पतिवार को दोपहर 3 बजे बाद भाजपा के दस और सपा को दो उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचन की औपचारिक घोषणा की जाएगी।

निर्दलीय नामांकन कराने वाले कौन है महेश चंद्र शर्मा।

कानपुर के स्वरूप नगर निवासी योगी महेश चंद्र शर्मा ने एमएलसी चुनाव के लिए निर्दलीयों पर्चा दाखिल कर दिया है। ये इससे पहले भी 26 चुनावों में भाग ले चुके हैं मगर जीत एक में भी नहीं मिली है। तीन बार राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए अपनी दावेदारी ठोक चुके है। ये नए धरतीपकड़ के रूप में देखे जा रहे हैं। इससे पहले कानपुर के नगरमल बाजोरिया भी अपने उपनाम धरतीपकड़ के नाम से विख्यात रहे हैं। बाजोरिया ने 278 से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने और चुनाव प्रचार के लिए गधे का प्रयोग करने का रिकॉर्ड बनाया।

मोदी, अटल बिहारी, सोनिया गांधी के खिलाफ भी ठोंकी थी ताल
महेश चंद्र शर्मा इससे पहले वर्ष 2004 में अटल बिहारी बाजपेई के खिलाफ लखनऊ लोकसभा से, वर्ष 2006 में रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ, वर्ष 2009 में कानपुर व फिरोजाबाद में श्रीप्रकाश जायसवाल व राजबब्बर के खिलाफ, वर्ष 2012 में कन्नौज से डिम्पल यादव के खिलाफ और वर्ष 2014 में वाराणसी संसदीय सीट से नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। इसके अलावा वर्ष 2007 में राष्ट्रपति पद के लिए प्रतिभा पाटिल और वर्ष 2013 में प्रणब मुखर्जी के खिलाफ चुनाव में दावेदारी ठोकी थी। वर्ष 2012 में मैनपुरी लोकसभा व वर्ष 2017 में वाराणसी कैंट से विधान सभा का चुनाव भी लड़े। किसी भी चुनाव में आज तक नहीं जीते। अब तक सबसे ज्यादा 8000 वोट कन्नौज में मिले थे। 

महेश चंद्र कहते हैं कि जब तक व्यवस्था में दखल नहीं देंगे तो सियासी दिग्गजों के कान कैसे खुलेंगे। चुनावी गणित के सवाल पर कहते हैं कि हम फिलहाल प्रयास ही कर सकते हैं। लगातार प्रयास से ही परिवर्तन आता है।

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