हाल ऐ KDA ~अभियंताओं की फौज, अवैध निर्माण करने वालो मौज,धड़ल्ले से हो रहे अवैध निर्माण।


 


कानपुर- कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) में अभियंताओं व कर्मचारियों की फौज होने के बाद भी शहर में धड़ल्ले से हो रहे अवैध निर्माण पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। नियोजित विकास के लिए बना मास्टर प्लान केवल कागज में ही दिखाई दे रहा है। नगर के विभिन्न हिस्सों में खड़ी एक हजार से अधिक अवैध इमारतें व्यवस्था की पोल खोल रही है। हालत यह है कि केडीए के खजाने में आवक बंद है, अभियंताओं की जेब भर रही है। इंजीनियरों की मेहरबानी से व्यावसायिक निर्माण बिना नक्शे के भी हो रहे हैं। शहर में अवैध इमारत निर्माण के बाद शिकायतों के बाद यहां का संबंधित दस्ता भी सक्रिय होता है पर पर खुद की जेब गर्म होने के बाद अपने को बचाने के लिए अवैध रूप से निर्माण करने वालों को खानापूर्ति के लिए नोटिस दी जाती है और अवैध निर्माण होने के लिए पूरा ठेका ले लिया जाता है और बाकायदा कपड़ा और तिरपाल से ढककर अवैध बिल्डिंगों का निर्माण करवाया जा रहा है।


 


शहर में भी अवैध इमारतों के गिरने का खतरा


 


शहर में अवैध इमारतों के गिरने का खतरा है। मानक को ताक पर रखकर पचास मीटर के क्षेत्र में पांच से छह मंजिला तक इमारतें खड़ी हो गई हैं।


 


2018 में श्रीनगर इलाके में 35 वर्गमीटर जगह में बनी छह मंजिला इमारत गिर गई थी। इसी कड़ी में कर्नलगंज में भी अवैध बनी इमारत गिर गई थी। गोविंद नगर, चमनगंज, बेकनगंज, प्रेमनगर, गांधी नगर, जवाहर नगर, किदंवईनगर, गुमटी नंबर पांच, कौशलपुरी, काकादेव समेत कई जगह बिना नक्शे के इमारतें खड़ी हो गई है।


 


अवैध निर्माण की सूचना पर गोलमोल नोटिस जारी कर अवैध निर्माण का लेते है ठेका।



आरटीआई एक्टविस्ट अनिल कुमार ने बताया कि गोविंद नगर इलाके के एफ ब्लॉक में स्थित मकान संख्या 126/45 में मानकों को ताक पर रखकर छोटे से प्लाट में नक्शे के विपरीत अनाधिकृत निर्माण बिल्डर और केडीए कर्मियों की मिली भगत से हो रहा है जिसकीं जनहित में उनके द्वारा केडीए को आईजीआरएस द्वारा शिकायत प्रेषित की गई उस समय पहली मंजिल का निर्माण हुआ था जिसका गोलमोल जवाब मिला तबतक तीसरी मंजिल का अवैध निर्माण हो चुका है लेकिन अभी भी केडीए कर्मियो की मिली भगत से धड़ल्ले से चौथी मंजिल पर अवैध निर्माण हो रहा है और केडीए कुम्भकरणी नीद सो रहा है। 



पार्किग के बिना व्यावसायिक निर्माण


 


अभियंता की मेहरबानी से बिना नक्शे के व्यावसायिक निर्माण हो गए। पार्किग तक की भी व्यवस्था नहीं की गई। स्थिति यह है कि शहर में जाम लग रहा है। गोविंद नगर, आर्यनगर, काकादेव, गुमटी नंबर पांच, पाण्डुनगर, सर्वोदय नगर, जैसे पॉश इलाकों का चैन छीन लिया है।


 


क्या कहते हैं जिम्मेदार


 


अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की जा रही है। सभी जोनल अभियंताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। नोटिस देने के साथ ही सीज करने के आदेश दिए है। गोविंद नगर एफ ब्लॉक में अवैध निर्माण प्रकरण में जाँच करवा के कार्यवाही की जायेगी।


- के के सिंह , सँयुक्त सचिव केडीए


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