Kanpur Shootout : फरीदाबाद पुलिस का खुलासा- हत्याकांड के बाद दो दिन तक कानपुर में ही छुपा रहा विकास दुबे,देश भर में तलाशती रही पुलिस

 



➡️फरीदाबाद में विकास दुबे के खास सहयोगी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने खुलासा किया है कि विकास दुबे कानपुर में हुए हत्याकांड के दो दिन बाद भी शिवली में ही था।


 


⏭️फरीदाबाद पुलिस ने विकास दुबे के खास गुर्गे कार्तिकेय उर्फ प्रभात समेत तीन को गिरफ्तार किया।


 


⏭️प्रभात ने पूछताछ में बताया- हत्याकांड के बाद दो दिन तक कानपुर के शिवली में ही था विकास दुबे।


 


⏭️फरीदाबाद में अपनी भाभी की मौसी के घर छिपा था विकास, पुलिस से आने से पहले हुआ फरार।



हरियाणा के फरीदाबाद की पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे (Vikas Dubey) के तीन गुर्गों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में इन लोगों ने स्वीकार किया है कि 3 जुलाई को पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद विकास दुबे दो दिन तक कानपुर के शिवली में ही था। बाद में वह फरादीबाद आ गया और अपनी भाभी की मौसी के घर पर पनाह ली थी। बाद में वह यहां से भी फरार हो गया।


फरीदाबाद पुलिस ने बताया कि विकास दुबे के मुख्य साथी के अलावा दो अन्य आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने दबोच लिया है। विकास के खास गुर्गे कार्तिकेय उर्फ प्रभात ने खुद को पुलिस से घिरा पाकर पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। उसके पास से चार पिस्टल और 44 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।



क्राइम ब्रांच ने घेराबंदी करके तीनों को पकड़ा


 


फरीदाबाद पुलिस ने बताया, '7 जुलाई को क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि विकास दुबे के कुछ सहयोगी हथियार सहित न्यू इंदिरा नगर कॉम्प्लेक्स हरि नगर नहर पार एरिया में छिपे हुए हैं। 



डीसीपी क्राइम मकसूद अहमद की देखरेख में एसीपी क्राइम अनिल यादन ने क्राइम ब्रांच की टीमों के साथ छापेमारी की। अचानक बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग की और भागने की कोशिश की। पुलिस ने घेराबंदी करके कार्तिकेय उर्फ प्रभात, अंकुर और उसके पिता श्रवण को गिरफ्तार कर लिया।'



प्रभात को अंकुर और उसके पिता श्रवण ने अपने घर में पनाह दी थी। पूछताछ में उसने बताया कि विकास दुबे ने अपनी भाभी की मौसी शांति मिश्रा के घर में पनाह ली थी लेकिन पुलिस के आने से पहले ही फरार हो गया। प्रभात ने यह भी माना है कि वह बिकरू गांव में हुए हत्याकांड में शामिल था और उसने पुलिस पर गोलियां भी चलाईं।


दो दिन तक शिवली में ही था विकास दुबे


प्रभात ने यह भी स्वीकार किया कि विकास दुबे और उसने पुलिस टीम पर हमला किया और दो पिस्टल के साथ कुछ जिंदा कारतूस छीनकर भाग गए। फरार होने के दो दिन बाद तक दोनों शिवली में ही रहे। प्रभात ने हमीरपुर में मारे गए अमर दुबे के बारे में भी बताया। पुलिस ने कोर्ट में पेश करके अंकुर और श्रवण को भी जेल भेद दिया है।


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