#Kanpur- 8 पुलिस वालों का मर्डर और 50 हजार इनाम, फिर भी कुख्यात विकास दुबे नहीं है मोस्ट वांटेड क्रिमिनल


कानपुर (Kanpur) की वारदात को 45 घंटे से भी ज्यादा बीत जाने के बाद भी यूपी के मोस्ट वांटेड अपराधी की लिस्ट में विकास दुबे का नाम नहीं लिखा गया है।


★★कानपुर की वारदात के बाद भी यूपी की मोस्ट वांटेड क्रिमिनल की लिस्ट में विकास का नाम आख़िर क्यो नहीं है??


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कानपुर में 8 पुलिस वालों की हत्या करने के बाद से आरोपी विकास दुबे फरार है. एसटीएफ (STF) समेत यूपी पुलिस (UP Police) की 100 टीम रात-दिन विकास दुबे की सरगर्मी से तलाश कर रही हैं. लेकिन इतना सब होने के बाद भी विकास दुबे को यूपी के मोस्ट वांटेड अपराधी (Most wanted criminal) की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है।


मौजूदा वक्त में लिस्ट में 19 बदमाशों के नाम शामिल हैं. किसी बदमाश पर 25 तो किसी पर 40 केस हैं. इनाम भी 50 हज़ार से लेकर 2 लाख रुपये तक का घोषित है. लेकिन कानपुर (Kanpur) की वारदात को 45 घंटे से भी ज़्यादा बीतने के बाद यूपी के मोस्ट वांटेड अपराधी की लिस्ट में विकास दुबे का नाम नहीं लिखा गया है।



60 केस दर्ज होने के बाद भी घोषित नहीं हुआ मोस्ट वांटेड


थाने के अंदर घुसकर मंत्री की हत्या का आरोप, ज़मीन के विवाद में एक प्रिंसीपल के मर्डर का आरोप. छोटे-बड़े अपराधों के करीब 60 केस. 8 पुलिस वालों की हत्या का ताजा मामला. 3 जुलाई को इनाम 25 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 50 हज़ार रुपये कर दिया गया. कई बार जेल जाने के मामले भी दर्ज हैं. बावजूद इसके पुलिस की नज़र इस बात पर नहीं गई कि विकास दुबे को यूपी के मोस्ट वांटेड अपराधी की लिस्ट में शामिल किया जाए. आरोप तो यह भी है कि विकास दुबे एके-47 लेकर घूमता है।



पूर्व डीजीपी, यूपी पुलिस विक्रम सिंह से इस बारे में बात की तो उनका कहना है कि अगर अधिकारी चाह ले तो किसी भी बड़े अपराधी का नाम मोस्ट वांटेड अपराधी की लिस्ट में शामिल करने के लिए एक घंटे से ज़्यादा का वक्त नहीं लगता है. लिस्ट को देखकर ही लगता है कि काफी वक्त से ये अपडेट नहीं हुई है. पुलिस अब मोस्ट वांटेड की लिस्ट पर काम भी नहीं करती है।


यूपी पुलिस की बेवसाइट uppolice.gov.in पर यह लिस्ट मौजूद है।


लिस्ट में शामिल यूपी के कुछ मोस्ट वांटेड अपराधी


अजित उर्फ हप्पू सिंह


इनाम- 50


निवासी- बागपत


अजित एक शातिर हिस्ट्रीशीटर है. एक साथ दो लोगों की गोलियों से भूनकर हत्या करने के बाद से अजित पुलिस के रडार पर है. अजित पर 20 से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं. मेरठ, बागपत, कैराना और शामली में अजित का आतंक बताया जाता है।


विश्वास नेपाली


इनाम- 50 हजार


निवासी- वाराणसी


कहा जाता है कि पुलिस के डर से आजकल विश्वास नेपाली नेपाल भाग गया है. वहीं से अपने गिरोह को संचालित कर रहा है. विश्वास पर लूट, हत्या, रंगदारी और अपरहण के 30 से अधिक मुकदमें दर्ज हैं


सलीम उर्फ मुख्तार शेख


इनाम- 50 हजार


निवासी- लखनऊ


सलीम का लखनऊ में खासा आतंक बताया जाता है. सलीम और उसका गिरोह लूट, अपरहण और रंगदारी की वारदातों को अंजाम देता है. सलीम पर एक हत्या का भी आरोप है. कई साल से पुलिस सलीम के पीछे पड़ी हुई है. लेकिन सलीम अभी तक हत्थे नहीं चढ़ा है।


इनके अलावा अन्य 16 मोस्टवांटेड अपराधियों के नाम मौजूद है लेकिन कानपुर में 8 पुलिस कर्मियों को मौत की नींद सुलाने वाले दुर्दान्त अपराधी "विकास दुबे" का अबतक मोस्टवांटेड अपराधियों की सूची में नाम नही दर्ज किया गया है।


यूपी पुलिस की वेबसाइट पर मौजूद सूची



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