कानपुर : 31 साल में पहली बार विकास दुबे के गांव में लगी पुलिस की चौपाल


कानपुर के बिकरू गांव में दहशत के साए में जीने वाले ग्रामीणों ने विकास दुबे की मौत के बाद अपनी जुबान खोली। किसी ने जमीन कब्जे की बात कही तो कोई उसकी दबंगई को याद कर सिहर उठा। 31 साल में पहली बार यहां पुलिस की चौपाल लगी। हिस्ट्रीशीटर के खौफ और पुलिस की साठगांठ की कई लोगों ने कहानी बयां की। कई चौंकाने वाली जानकारियां भी दीं। 


 


ग्रामीणों ने बताया कि जब भी चौबेपुर थाने में विकास व उनके साथियों के खिलाफ तहरीर दी जाती थी। पहले तो थाने में फटकार मिलती थी और वहीं से विकास को सूचना भेज दी जाती थी। गांव पहुंचते ही गुर्गे पकड़कर विकास के सामने ले जाते थे, जहां विकास पीटता था। कभी गांव में पुलिस आई भी तो वह विकास के घर से ही होकर लौट जाती थी। पुलिस ग्रामीणों से बात नहीं करती थी। यही वजह थी कि गांव के लोगों का पुलिस से विश्वास उठ गया था।


 


 


मोहम्मद शाकिर ने बताया कि पुलिस व विकास की दोस्ती हमेशा गांव के लोगों पर भारी पड़ती थी। इसके चलते गांव के लोगों ने विकास की हुकूमत स्वीकार कर ली थी। वह जो भी फरमान करता था उसे मानना पड़ता था। घर पर ही गांव के लोगों को बुलाकर पंचायत करता था। गांव में शादी समारोह में अगर विकास का मन होता था तभी डीजे बजता था नहीं तो बंद करना पड़ता था।


 


सीओ ने दिया सुरक्षा का भरोसा दिया, पलायन कर चुके लोगों को बुलाने का अनुरोध


गांव में तीस साल में पहली बार ग्रामीणों के साथ पुलिस ने चौपाल लगाई। शनिवार को ग्रामीणों को सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए सीओ त्रिपुरारी पांडेय ने उसके हाल जाने। दहशत का आलम यह था कि काफी देर तक कोई नहीं आया। इसके बाद सिपाही घर-घर जाकर लोगों को भरोसा दिलाकर पंचायत में लेकर आए। यह पंचायत विकास के घर के पास ही एक के पेड़ के नीचे लगाई गई। उन्होंने ग्रामीणों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया। कहा, अब किसी से डरने की जरूरत नहीं है। न पुलिस और न ही किसी अपराधी से। कोई समस्या हो तो पुलिस को बताएं। आप सभी की समस्याओं को सुनकर उसका निस्तारण किया जाएगा। आप सभी मुझे भी अपनी समस्या बता सकते हैं।


 


 


सीओ ने गांव के लोगों को एसएसपी का फोन नंबर दिया गया। गांव में किसी भी संदिग्ध व्यक्ति, हरकत हो तो तुरंत सूचित कर सकते हैं। व्हाट्सएप पर भी कर सकते हैं। गांव में आराम से घूमिए, बाजार हाट जाइए, कहीं कोई दिक्कत नहीं होगी। खेती-किसानी का काम शुरू कीजिए। घटना के बाद लोग खेत में भी जाने से कतरा रहे थे। पुलिस ने यह भी कहा कि घटना के बाद से जो लोग गांव छोड़कर चले गए हैं उनसे संपर्क कर वापस बुला लीजिए। गांव की स्थिति सामान्य करिए। अब आप लोग पूरी तरह से सुरक्षित हैं। पुलिस आपकी मित्र है। चौपाल समाप्त होने के बाद लोग घरों को लौट गए। इसके बाद गलियों में फिर सन्नाटा पसर गया।


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