Encounter Vikas Dubey : तमंचा लगाकर कॉलेज जाता था विकास दुबे, 14 साल की उम्र में शिक्षकों पर किया था हमला
कानपुर एनकाउंटर के बाद यूपी से फरीदाबाद और फिर उज्जैन पहुंचने वाला गैंगस्टर विकास दुबे आज(10 जुलाई) एनकाउंटर में मारा गया। विकास दुबे की गिरफ्तारी जितनी नाटकीय रही उसका एनकाउंटर में मारा जाना भी उतना ही नाटकीय रहा। उसकी मौत के साथ ही दो दशक से भी ज्यादा समय से चला आ रहा उसका आतंक आज खत्म हो गया। जानिए उसका शुरुआती जीवन कैसा रहा और कैसे उसने जुर्म की दुनिया में कदम रखा....
विकास दुबे शुरू से ही आपराधिक मानसिकता का रहा था। वह हाईस्कूल में पढ़ने के दौरान कालेज में तमंचा लगाकर जाता था। प्रिंसिपल व क्लास टीचर ने उसकी पिटाई कर दी तो उन्हें रास्ते में घेरकर हमला कर दिया था।
विकास दुबे ने रसूलाबाद में रहने वाले चाचा प्रेम किशोर के यहां रहकर इंटर तक पढ़ाई की है। उसके साथ पढ़ने वाले कुछ साथियों ने बताया कि विकास शुरू से ही खूंखार रहा है। वर्ष 1984 में हाईस्कूल में राजा दरियावचंद्र इंटर कालेज में पढ़ता था। कालेज में वह अक्सर तमंचा लगाकर पहुंचता था। छात्रों के बीच दबदबा कायम करना चाहता था। वह अन्य छात्रों की तरह शिक्षकों से भी खौफ नहीं खाता था।
इसकी जानकारी तत्कालीन प्रधानाचार्य को हुई तो उन्होंने उप प्रधानाचार्य व उसके कक्षाध्यापक को लेकर उससे तमंचा छीन लिया था। उसकी पिटाई भी कर दी थी। इससे नाराज विकास ने दूसरे दिन कालेज जाते समय रास्ते में रोक कर शिक्षकों से मारपीट की थी। हालांकि तब छात्र होने की वजह से उस पर रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई थी। वह छात्रों के साथ छोटी-छोटी बातों पर मारपीट करता था।
रेडियो मैकेनिक का काम कर चुका
विकास दुबे रसूलाबाद में रेडियो ठीक करने की दुकान चला चुका है। इंटर के बाद कस्बे में ही उसने रेडियो ठीक करने की दुकान खोली थी। चार साल तक उसने दुकान में रेडियो की मरम्मत कर खर्च चलाया। सिर्फ इतना काम करता था कि उसका जेब खर्च निकल आए। इसके बाद उसका चाल चलन संदिग्ध हुआ तो चाचा प्रेम किशोर ने घर से जाने को कहा। फिर वह गांव बिकरू चला किया। इसके बाद खुलकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगा। वर्ष 2001 में शिवली कोतवाली के अंदर दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर चर्चा में आ गया। इस घटना में अदालत से दोषमुक्त होने पर उसका हौसला बढ़ गया।
चचेरी बहन, भांजे को घर छोड़ गई पुलिस
विकास दुबे की चचेरी बहन को रसूलाबाद से एटीएफ ने पूछताछ के लिए पांच जुलाई को हिरासत में लिया था। विकास की चचेरी बहन शैलजा अपने मायके रसूलाबाद स्थित घर में थी। एसटीएफ ने घर में दबिश देकर उसे हिरासत में लिया। टीम जैसे ही उसे लेकर चली कि उसके दस वर्षीय बेटे राघव ने भी मां के साथ चलने की जिद की थी। इस पर टीम उसे भी साथ ले गई थी। पूछताछ के बाद बुधवार देर शाम पुलिस दोनों को घर छोड़ गई। उसकी बहन ने पुलिस टीम की तरफ से की गई पूछताछ के बारे में बताने से इंकार किया।
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