PINTU SENGAR MURDER कभी जुर्म की दुनिया का बादशाह अब सैकड़ों बहनों का था रॉबिनहुड


कानपुर-हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी, जबरन जमीनों पर कब्जा की वारदातें कर जरायम की दुनिया में दाखिल हुआ नरेन्द्र सिंह सेंगर उर्फ पिंटू सेंगर का सामाजिक दायरा भी बहुत बड़ा था वो अबतक सैकड़ों बहनों की शादी करवा चुका था और उन बहनों का वो राबिनहुड था। वो हर वर्ष 101 बहनों की शादी कराने में बड़ा योगदान देता था।


अपराध जगत के इस बेहद शातिर दिमाग शख्स ने हत्या, हत्या के प्रयास की वारदातें कर जरायम की दुनिया में दाखिल हुआ नरेंद्र सेंगर उर्फ पिंटू सेंगर मूलरूप से गोगुपुर गांव के रहने वाला था पिंटू ने जवानी की दहलीज में कदम रखते ही दबंगई और छात्र राजनीति शुरू कर दी थी उसने छोटी सी उम्र में पहला अपराध किया था। उसके बाद सनसनीखेज वारदातों को अंजाम देने में वह कभी नहीं हिचका। अब तक 2 दर्जन से अधिक आपराधिक वारदातों को अँजाम दे चुके अपराध के इस बेहद शातिर दिमाग शख्स ने ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देकर सुर्खियां बटोरी थीं उसके खिलाफ चकेरी, किदवई नगर, हरबंशमोहल, बाबूपुरवा और कोहना थाने में कुल 28 केस दर्ज हैं इनमें से 22 मुकदमे अकेले चकेरी थाने में हैं। पहला मुकदमा वर्ष 1990 में मारपीट व बलवा की धाराओं में चकेरी थाने में लिखा गया था। वर्ष 1996 में किदवई नगर में हुई हत्या में उनका नाम आया और मुकदमा दर्ज होने के बाद पिंटू को जेल जाना पड़ा था। उनके खिलाफ हत्या का एक, हत्या के प्रयास के चार, रंगदारी के दो मुकदमों के अलावा गैंगस्टर, गुंडा एक्ट, 7 सीएलए और मारपीट के कई मुकदमे हैं। धोखाधड़ी की धारा में आखिरी मुकदमा वर्ष 2010 में चकेरी थाने में दर्ज हुआ था। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक 28 मुकदमों में चार में वह दोषमुक्त हो चुके हैं। गैंगेस्टर और गुंडा एक्ट की कार्रवाई के साथ भूमाफिया भी घोषित हो चुका था। पुलिस अफसरों को आशंका है कि इन्हीं किसी विवाद से जुड़े लोगों ने उसकी हत्या करवाई।


1990 के दशक में उसने शहर में आतंक पर्याय रहे संजय एड़ी की सरपरस्ती स्वीकार करने के बाद उसका गैंग ज्वाइन कर लिया। कानपुर से संचालित होने वाले इस गैंग का आतंक पूरे जिले में था अवैध वसूली और रंगदारी वसूलना गैंग का काम था संजय एड़ी गैंग की अदावत उस समय के कुख्यात गैंग जिन्ननाथ से थीं।


लेकिन पिंटू सेंगर के ऐडी गैंग में दाखिल होने के बाद गैंग ने अपनी ताकत कई गुना बढ़ा ली थी पिंटू सेंगर का दखल सरकारी ठेका- पट्टा लेने में भी हो गया था दोनों गैंगों में कई बार खूनी टकराव हुआ जिसमें कई जाने गयी लेकिन पिंटू सेंगर का कद बढ़ता चला गया उसने जरायम की दुनिया मे अपना वर्चस्व कायम करने के बाद विवादित प्रॉपर्टीयो में हाथ डालना शुरू किया जहाँ उसे राजनीतिक संरक्षण की जरूरत महसूस हुई।


जरायम की दुनिया से राजनीति में जमाएं पैर।


दस्यु सुंदरी रहीं पूर्व सांसद फूलन देवी ने नरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सेंगर पर हाथ रखा था और जरायम से राजनीति की दुनिया में इंट्री कराई थी। जबतक फूलन जिंदा रहीं, वह सपा में रहे, उनकी हत्या के बाद पिंटू ने 2006 के बाद बसपा का दामन थाम लिया था। बसपा में रहते हुए जब पिंटू ने बसपा प्रमुख मायावती के लिए चांद पर जमीन खरीदने का ऐलान किया तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। इसके बाद फिर उन्होंने पार्टी में वापसी कर ली थी।


 


कुछ इस तरह शुरू हुआ राजनीतिक सफर


 


पिंटू सेंगर छात्र जीवन से राजनीति से जुड़े रहे और जेल से छूटने के बाद फूलन देवी ने राजनीति की रपटीली राहों पर कदम रख तो पिंटू उनके सबसे विश्वस्त साथियों में शामिल थे। कहा जाता है कि फूलन उन्हें भाई जैसा मानती थीं। उनके माध्यम से पिंटू की इंट्री सपा की राजनीति में हुई थी। वर्ष 1996 में फूलन पहली बार सांसद बनी तभी से पिंटू के खिलाफ मुकदमों की बाढ़ भी थमी। 1996 के बाद केवल पांच मुकदमे दर्ज हुए और उनमें से तीन पुलिस कार्रवाई के मामले थे। फूलन देवी की हत्या के बाद पिंटू सेंगर ने बसपा का दामन थामा। वर्ष 2007 में बसपा के टिकट पर छावनी से किस्मत आजमाई मगर, हार गए। मौजूदा समय मे उनकी मां शांतिदेवी को बसपा से कठेठी से जिला पंचायत सदस्य है और पिता सोने सिंह गोगूमऊ के ग्राम प्रधान है।


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