#Kanpur - पनकी हनुमान मंदिर ट्रस्ट का विवाद चरम पर, ट्रस्टी ने डीएम को पत्र भेजकर रिसीवर की मांग।


कानपुर- पंचमुखी हनुमान मंदिर पनकी में महंत और ट्रस्ट को लेकर विवाद चरम पर पहुंच गया है। इसी बीच गुरुवार को श्री पंचमुखी हनुमान मन्दिर श्राइन बोर्ड के मैनेजिंग ट्रस्टी अमित नारायण त्रिवेदी ने जिलाधिकारी डॉ ब्रम्हदेव तिवारी को पत्र भेजकर रिसीवर की मांग की है।


मैनेजिंग ट्रस्टी अमित नारायण द्वारा डीएम को दिए पत्र में कहा गया की श्री पंचमुखी हनुमान मन्दिर श्राइन बोर्ड का पंजीकरण रजिस्ट्रार कोर्ट कानपुर में कराया गया है पवित्र हनुमान मन्दिर के विकास हेतु नवगठित संस्था द्वारा आपके द्वारा नामित प्रतिनिधि को सम्मिलित करने हेतु ट्रस्टी बन्धुओं द्वारा बहुमत से निर्णय लिया गया जिससे की ट्रस्ट के संचालन में पारदर्शिता बनी रहे और इस गौरवशाली प्राचीन हनुमान मन्दिर का विकास सुचारू रूप से होता रहे। उन्होंने अपने पत्र में अनुरोध किया है कि ट्रस्ट की पारदर्शिता एवं श्री पंचमुखी हनुमान मन्दिर के विकास हेतु आप अपना प्रतिनिधि पदेन सदस्य के रूप में नामित कर के अनुग्रहित करें।


वही पुजारी सुरेश दास ने महंत पद से दावेदारी वापस ले ली है और कहा है कि महंत जितेंद्र दास की सहमति से श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर श्राइन बोर्ड ट्रस्ट का गठन किया गया था। उधर, महंत श्रीकृष्ण दास ने जितेंद्र दास द्वारा लगाए गए आरोपों पर टिप्पणी करने से इन्कार किया है।


महंत रमाकांत दास के ब्रह्मलीन होने के बाद महंत पद का विवाद चरम पर पहुंच गया। महंत रमाकांत दास श्रीकृष्ण दास को उत्तराधिकारी घोषित कर गए थे, लेकिन उनके भतीजे पुजारी सुरेश दास और बालक दास ने भी महंत पद पर दावा किया। इसी बीच श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर श्राइन बोर्ड ट्रस्ट के गठन की बात सामने आई। ट्रस्ट के पंजीकरण के साथ ही विवाद उठे। पहला प्रश्नचिह्न बालक दास ने लगाया और जितेंद्र दास के फर्जी हस्ताक्षर होने की बात कही, जबकि मंगलवार को जितेंद्र दास ने दावा किया कि उन्हेंं डरा धमकाकर कागजातों पर हस्ताक्षर कराए गए।



आरोप प्रत्यारोप के बीच पुजारी सुरेश दास ने भी पत्रकारों से बात कर कहा कि महंत पद पर अपना दावा इसलिए छोड़ा क्योंकि इस पर महंत जितेंद्र दास की सहमति थी। जितेंद्र दास को किसी ने धमकी नहीं दी। उनके कहने पर ही ट्रस्ट बना और फिर अयोध्या जाकर श्रीराम जन्मभूमि निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास को फैसले से अवगत कराया गया। उधर, बालक दास ने भी बयान जारी किया और ट्रस्ट को फर्जी बताते हुए कहा कि आखिर उन्हेंं और सुरेश दास को ट्रस्ट में जगह क्यों नहीं दी गई। केडीए से जो 16 करोड़ रुपये मिलने हैं, उसे क्यों छिपाया गया। अनूपपुर गांव की भूमि को ट्रस्ट में क्यों नहीं दर्शाया गया।


वही यंग लायर्स एसोसिएशन उ प्र के महामंत्री एडवोकेट रतन अग्रवाल द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर विख्यात पनकी मंदिर के संचालन के लिए मंदिर में एक रिसीवर की तथा महंतो की संपत्ति की जांच के लिये एक निगरानी कमेटी जिसमें रिटायर्ड जज अथवा कोई प्रशासनिक अधिकारी के अतिरिक्त कुछ सामाजिक लोगो को शामिल किया जाने की मांग की।


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