कानपुर-GSVM मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ.आरती मुख्यालय से अटैच,डॉ आरबी कमल ने लिया चार्ज


कानपुर-उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल (GSVM) की प्राचार्य आरती लालचंदानी का तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) पर टिप्पणी का वायरल वीडियो (Viral Video) पर सुर्खियों में आई जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य प्रो. आरतीलाल चंदानी को मंगलवार देर रात प्राचार्य के पद से हटा कर डीजी ऑफिस (मुख्यालय) से अटैच कर दिया गया और अनान-फ़ानन में ओएसडी डॉ अरबी कमल ने देर रात लगभग 2 बजे प्राचार्य का चार्ज संभाल लिया।


गौरतलब है डॉ आरती लाल चाँदनी के तबादले पर बीते गुरुवार को ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुहर लगा दी थी। और शासन से आदेश की प्रति महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीजीएमई) को भी मिल गई थी उस समय प्रो. आरतीलाल चंदानी को रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी का प्राचार्य बनाया गया था तथा जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य पद की जिम्मेदारी प्रो. आरबी कमल को दी गई थी लेकिन डॉ आरती लाल चंदानी द्वारा अपना कार्यकाल का कम समय बचने एवं लखनऊ के KGMU में कुलपति के बनने की रेस में शामिल होने की जानकारी देते हुए झाँसी जाने से इंकार कर दिया था जिसके बाद उन्हें हटाने की लगातार एक वर्ग विशेष द्वारा मांग की जा रही थी मंगलवार देर रात शासन ने देर रात नए आदेश जारी किये जिसमे डॉ आरती लाल को मुख्यालय से अटैच किया गया है।


मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल के कोविड-19 हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में चार अप्रैल को तब्लीगी जमात सदस्यों के कोरोना पॉजिटिव आए सदस्यों को भर्ती कराया गया था। वार्ड में भर्ती होने के बाद जमात के सदस्यों पर डॉक्टरों तथा पैरामेडिकल स्टॉफ को सहयोग नहीं करने, दवाएं नहीं खाने और वार्डों में गंदगी फैलाने के भी आरोप लगे थे।



अस्पताल प्रशासन की ओर से दिए जाने वाला भोजन फेंकने तथा कर्मचारियों से अभद्रता की बातें सामने आईं थीं। उस समय मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य ने उनके इलाज में सहयोग नहीं करने पर प्राचार्य ने नाराजगी जताते हुए मीडिया में बयान दिया था साथ ही पत्रकारों से अनऑफिशियल बातचीत करते हुए आक्रोश जाहिर किया था जिसे स्थानीय पत्रकार द्वारा अपने कैमरे में कैद कर लिया गया था जो 70 दिन बाद सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो गया, जिससे चौतरफा उनका विरोध शुरू हो गया था। धर्म विशेष के प्रतिष्ठित लोगों से लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल से कार्रवाई की मांग उठाई थी। इसपर मुख्यमंत्री ने शासन ने जांच रिपोर्ट तलब की थी। वहीं मेडिकल कॉलेज प्रचार्य ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्हें मुस्लिम धर्मगुरुओं ने माफ कर दिया है. उससे पहले भी एक उन्होंने वीडियो जारी किया था जिसमे उन्होंने ने उलेमा काउंसिल के महामंत्री हाजी शालिस के साथ बैठकर धर्म विशेष के लोगो से माफी मांगी थी।


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