पतंग से भी फैल सकता है कोरोना? जानिए क्या है डॉक्टर की राय

 



कानपुर में लॉक डाउन में जमकर पतंग उड़ाई जा रही है। पुलिस को आशंका है कि पतंगबाजी का यह शौक कानपुर में कोरोना को जहर और न घोल दे इसको देखते हुए जिले में पतंग उड़ाने में रोक लगा दी है पतंग-डोर से कोरोना फैलने की आशंका के चलते डीआईजी अनन्तदेव तिवारी ने दिए निर्देश। उन्होंने ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए है कि पतंग नही उड़ाने के लोगो को जागरूक करें फिर भी कोई नही मानता और पतंग उड़ाता है तो उसकी पहचान कर कार्यवाही करे। 


कोरोना को लेकर हर जगह सफाई और सैनिटाइजेशन किया जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ मार्केट में न जाने कहां से पंतग और मांझा आ रहा है जिसका इस समय क्रेज बढ़ गया है।
कानपुर की अगर बात करें तो सैकड़ों पतंगें आसमान में नजर आ रही हैं। शहर के गिने चुने इलाकों में चोरी छिपे पतंगों की खूब बिक्री हो रही है। एक तो इसमें न कोई सुरक्षा की व्यवस्था है न ही कहां से आई हैं पतंगे इसकी जानकारी किसी को है। जबकि कोरोना बीमारी किसी भी चीज से फैल सकती है। ये सबको पता है लेकिन इसके बाद भी कुछ जगहों पर लोग लापरवाही कर रहे हैं।


पतंगों को नहीं कर सकते सैनिटाइज, आसानी से पहुंच सकता है वायरस


आसमान में उड़ती पतंग संक्रमण फैला सकती हैं। गंभीर सवाल यह है कि पतंग, मांझा व सद्दी को सैनिटाइज नहीं किया जा सकता है। ऐसे में पतंग को छूने व पतंग की कन्नी बांधने के दौरान हम कई बार पतंग को छूते हैं। जब कोई शख्स पतंग के जरिए पेंच लड़ाता है तो यह कटी पतंग किसी के घर या छत पर पहुंचती है। जिससे वायरस दूसरों तक बहुत आसानी से पहुंच सकता है। गंभीर सवाल यह है कि जो लोग होम क्वारंटीन में रखे गए हैं अगर उन्होंने पतंग उड़ाई, पेंच लड़ाया और पतंग कट कर दूसरों के घर में पहुंची तो उसके क्या नतीजे होंगे। इन पतंगों को सैनिटाइज किया जाना मुमकिन नहीं है। मांझा व सद्दी सैनिटाइज नहीं हो सकते। ऐसे में यह पतंगें लुत्फ से ज्यादा बड़ी सजा बन सकती हैं।


शहर में रेड ज़ोन से ग्रीन जोन जा रही है पतंगे।


कोरोना वायरस से बचने के लिए जमीन पर लॉकडाउन और दफा 144 लागू है। इस कारण लोग घर में खाली हैं और इस खालीपन को दूर करने के लिए पतंगों का सहारा ले रहे हैं। शहर के विभिन्न मोहल्लों के घरों की छतोंपर आसमानों में दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक पतंगें उड़ती नजर आ रही हैं। कटी पतंगों को बच्चे लूट भी रहे हैं। वहीं कटी हुई पतंगें घरों व छतों पर पहुंच रही है। 



 डॉ विकास मिश्रा सह-आचार्य माइक्रोबायोलॉजी विभाग
G.S.V.M.मेडिकल कॉलेज कानपुर

पतंग और डोर से कोरोना संक्रमण को लेकर G.S.V.M. मेडिकल कॉलेज़ माइक्रोबायोलॉजी विभाग के सह-आचार्य डॉ विकास मिश्रा ने बताया कि सर्वाधिक सम्भवना है कि अगर पतंग उड़ाने वाला व्यकित संक्रमित है तो वो जब पतंग के कन्ने बाँधते समय या उड़ाते समय उसके द्वारा छुआ गया पतंग और डोर भी संक्रमित कर देगा क्योकि पतंगबाजी करते समय वो छीकते व खाँसते समय अपने हाथों का प्रयोग नही कर पायेगा और वायरस कागज और पन्नी की पतंग में बैठ जाएगा और पतंग कटने के बाद उसे लूटने वाले ने अगर अपने हाथों को सेनेटाइज नहीं किया तो संक्रमण फैलने की पूरी सम्भवना है।


पतंग उड़ाने वालों को पहले समझा कर पतंग उड़ाने से मना किया जाएगा, लेकिन फिर भी कोई नहीं मानता है तो पुलिस को निर्देश दिए हैं कि ड्रॉन कैमरे से उसकी पहचान कर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
अनन्तदेव तिवारी डीआईजी/एसएसपी


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