कानपुर-कोरोना की सुनामी में किसानों के आँसुओ में बह गए अरमान।

यूँ तो कोरोना वायरस की सुनामी का दंश देश समेत पूरी दुनिया को वेहद सदमे व खौफ में डाल दिया है ऐसे में कानपुर भी अछूता नही है कोरोना महामारी ने उन हजारो किसानों की आंखों में आंसू ला दिए है जो फूलो की खेती करते है उन्हें हमेशा की तरह इस बार भी उम्मीद थी कि वो  अपनी जिंदगी को आर्थिक रूप से महकाने में सफल हो जायेगे लेकिन किस कदर बदकिस्मती के  कांटो से छलनी हो रहे है पढ़िए इस रिपोर्ट में....


Kanpur :-कोरोना संकट के चलते लागू लॉक डाउन से किसानों की उम्मीदों पर भी सन्नाटा पसर गया है इसकी बानगी देखने को मिली वैजाखेड़ा गाँव मे  जहाँ कोरोना संकट को लेकर  लॉक डाउन में पाबंदियों के असर से सैकड़ो हेक्टेयर में तैयार फूलो की फसल खेतो में बर्बाद हो रही है इस गांव में लगभग चार सौ किसान फूलो की फसल कर ते है फूलो की खेती से जुड़े इन किसानों को लाखों रुपयों का नुकसान हुआ है जिसके चलते  यहाँ के किसान वेहद सदमे में है नौबत यह आ गयी है एक तरफ तो लाखो की फसलें बर्बाद हो गयी और दूसरी तरफ दो जून की रोटी की जुगाड़ के लिए न तो कही मजदूरी ही मिल रही है और न ही कोई जिला प्रशासन ने इनकी सुध ली घरों में रखे फूल सड़ रहे है करे तो क्या करे आखिर अपने परिवार के पेट की भूख भला कैसे बुझाये, इनके खेतो से उगने वाले विभिन्न तरह के महकने वाले फूल जिन्हें मंदिरों में भगवान को लोग वडी फूलो को खरीद कर श्रद्धा भाव से अर्पित करते थे आज हजारो मंदिर बंद पड़े है इन्हें उम्मीद थी कि नवरात्रि व शुभ मुहूर्त में होने बाले कार्यक्रमो में इन सैकड़ो किसानों के लाखों के फूल हर बार की तरह बिक जायेगे लेकिन खेतो में मौजूदा फूल मानो मुँह चिड़ा रहे है  इनकी रख वाली के लिए खेतो के किनारे बना मचान सुना पड़ा आखिर फूलो की फसल की देखभाल करने का क्या मतलब है खेतो में फूलो की फसल जो बर्बाद हुई है जोकि 100 से 250 रुपये किलो विकते थे एक वीघे खेती में एक लाख रुपये मिलजाते है जिसकी जितनी खेती उसका उतना ही बड़ा नुकसान हुआ हैजिसमे गुलाब ,गेंदा, बिजली, गुलदावरी , नवरंग ,मोगरा,आदि की फसल लॉक डाउन की घोषणा के बाद खेतो में सूख  रही हैऔर बर्बाद हो रही है ओर सारी मेहनत एक झटके में काफूर हो गयी किसानों की माने तो एक तरफ फसल नष्ट हो गई ओर ऊपर से कर्ज के बोझ का दंश भी सता रहा आख़िर करे तो क्या करे जाए तो कहा जाए कोरोना संकट ने उनके पूरे परिवारों अर्श से फर्श पर ला खड़ा किया है।


कोरोना रूपी इस सुनामी ने हर व्यक्ति के जीवन यापन को थाम कर रख दिया है किसानों की भी कमर तोड़ कर रख दी है हालांकि केंद सरकार व राज्य सरकार हर जरूरत मंद को कोरोना संकट से बचाने के लिए हर संभव प्रयास रत है वही ऐसे में जिला प्रशासन को भी ऐसे किसानों की भी सुध लेनी होगी  ऐसे हजारो किसान है जिनकी फसलें कोरोना संकट की बजह से हुए लॉक डाउन से खेतों में ही तवाह हो रही  है ऐसे में उनकी फसलों की बिक्री के लिए कुछ इंतजामात करे जिससे कि किसानों दर्द कुछ कम हो सके।


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