परिंदों को नही दी जाती तालीम उड़ानों की,वो खुद ही तय करते हैं मंजिल आसमानों की–संजीव दीक्षित।

#Birthday स्पेशल स्टोरी


कानपुर। संजीव दीक्षित एक ऐसा नाम जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है। बेहद कम वक्त में सफलता के चरम पर पहुंचने वाले संजीव दीक्षित, जिन्हें उनके चहेते प्यार से संजू भाई जी कहते है। संजीव को अब तक राष्ट्रीय और अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर कई बार सम्मानित किया जा चुका है। संजीव का जीवन संघर्ष से हर वक्त लबरेज रहा, लेकिन हौसले का पर्यायवाची बन चुके संजीव को कोई अब तक झुका नहीं पाया। करीब दो दशक में संजीव ने केबिल नेटवर्क की दुनिया में उस मुकाम को हासिल किया, जिसके बारे में खुली आंखों से सोच पाना भी मुश्किल है। वर्तमान में संजीव डेन अम्बे केबिल नेटवर्क के बेहद मजबूत स्तंभ है।


दोस्ती और दुश्मनी दानेदार


कानपुर में रहने वाले संजीव दीक्षित का ज्यादातर वक्त दिल्ली और अन्य महानगरों में बीतता है, खुद से ज्यादा दूसरों की चिंता करने वाले संजीव दीक्षित को उनके साथी गुरु की उपाधि से सम्मानित कर चुके है, जिस पर दरियादिली दिखाते हुए संजीव भी अपने साथियों को गुरु की फौज मानते है और उनका जीवन का लक्ष्य यही है कि गुरु की फौज करती रहेगी मौज। संजीव जिस वक्त अपने आॅफिस में होते है उस वक्त उनसे बड़ा व्यवसायी कोई नहीं होता और जब वह अपने आॅफिस के बाहर अपने मित्रों और सहयोगियों के साथ उस वक्त उनसे बड़ा कोई यार नहीं होता।
जीवन जीने की कला
अल सुबह उठ जाने वाले संजीव का जीवन आम जनता से अलग है, जिस वक्त आधी दुनिया सो रही होती है, उस वक्त संजीव ने मार्निंग वाक करके लौट चुके होते है, ऐसा एक भी दिन नहीं जाता, जिस दिन संजीव पूजन अर्चन में व्यस्त न रहें। आॅफिस में वक्त से आना ऐसा है कि उनके आने के लेकर स्टाॅफ अपनी घड़ी की सुई को मिलाता है।


अपडेट और अपग्रेड


संजीव दीक्षित का कहना है कि कोई भी व्यक्ति दुनिया में सीखकर नहीं आता है। वक्त इंसान को सब कुछ सिखा देता है, गलतियां मुझसे भी हुई, लेकिन गलती को कभी दोहराया नहीं। सफलता – असफलता के दोनों पहलुओं को मैंने स्वीकार किया, लेकिन वक्त के साथ अपडेट और अपग्रेड रहने के सूत्र को मैंने खुद भी अपनाया और दूसरों को आत्मसात भी कराया।


Comments

Popular posts from this blog

कानपुर ज्योति हत्याकांड :- ज्योति के 6 हत्यारों को उम्रकैद की सजा, ज्योति के पिता बोले न्याय की जीत।

कानपुर : वायरल ऑडियो मामले में पुलिस को दी गयी तहरीर, निदेशक बोले संस्थान की छवि धूमिल करने की हो रही साजिश।

ज्योति हत्याकांड में आरोपियों को दोषी करार होने के बाद शंकर नागदेव बोले न्याय के प्रति नतमस्तक हूँ।